Ratan Tata Death: रतन टाटा, भारतीय उद्योग जगत के सबसे सम्मानित और प्रेरणादायक व्यक्तित्वों में से एक, 9 अक्टूबर 2024 को मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया। 86 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे कई दिनों से बीमार चले रहे थे और उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती किया गया था। Ratan Tata के निधन से न केवल उद्योग जगत, बल्कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।

Ratan Tata का जीवन परिचय

Ratan Tata का जन्म 28 सितंबर 1937 को हुआ था और उन्होंने अपना अधिकांश जीवन देश की सेवा में व्यतीत किया। वे Tata Sons के पूर्व Chairman थे और उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर बड़ी उपलब्धियां हासिल की। रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को नई ऊचाइयों पर पहुंचाया और इसे एक वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित किया। उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने Jaguar, Land Rover, Corus steel और Tetley जैसी बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया।

Ratan Tata न केवल एक सफल उद्योगपति थे, बल्कि वे अपनी विनम्रता और समाज सेवा के प्रति समर्पण के लिए भी जाने जाते थे। उनके नेतृत्व में टाटा ट्रस्ट्स ने शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और अन्य समाजिक क्षेत्रो में उल्लेखनीय योगदान दिया। वे हमेशा समाजिक मुद्दों के प्रति संवेदनशील रहे और समाज की भलाई के लिए कोई पहल की।

Ratan Tata Death

उद्योग जगत पर प्रभाव

रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर कई महत्वपूर्ण अधिग्रहण किए, जिनमे Jaguar Land Rover (2008) और कोरस स्टील (2007) जैसे ऐतिहासिकसौदे शामिल है। इन सौदों ने टाटा समूह को न केवल एक वैश्विक पहचान दी, बल्कि भारतीय उद्योग को भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया। टाटा मोटर्स ने उनके नेतृत्व में नैनो कार को लॉन्च किया, जो दुनिया की सबसे किफायती कारो में से एक मानी जाती है। हालांकि, नैनो का व्यावसायिक सफर बहुत सफल नहीं रहा, लेकिन इसे एक अनूठी पहल के रूप में देखा गया।

Ratan Tata का दृष्टिकोण और नेतृत्व सिर्फ मुनाफे तक सीमित नहीं था। वे हमेशा “विनम्रता” और “नैतिकता” की ओर ज़ोर देते थे। उन्होंने टाटा समूह को एक ऐसे ब्रांड के रूप में स्थापित किया, जो अपने मूल्यों के लिए जाना जाता था। उनकी मान्यता थी कि व्यापार को समाज के विकास में योगदान देना चाहिए और उन्होंने हमेशा इस सिद्धांत का पालन किया।

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सामाजिक योगदान और परोपकार

रतन टाटा का समाज के प्रति समर्पण उनकी सांसे बड़ी पहचान थी। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, जल संरक्षण,और ग्रामीण विकास के क्षेत्रो में अद्वितीय योगदान दिया। टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से, उन्होंने देश के ग्रामीण इलाको में स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा की पहुंच को बढ़ाने के लिए कोई महत्वपूर्ण कदन उठाए। उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि टाटा समूह की आय का एक हिस्सा सामाजिक कार्यो में लगातार जाए।

उनका ध्यान विशेष रूप से भारत में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने पर था। उन्होंने भारतीय संस्थानों जैसे कि टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, टाटा मेमोरियल एप्सटाल और कई अन्य संस्थानों को आर्थिक सहायता प्रदान की।

उनके निधन की प्रतिक्रियाएं

रतन टाटा के निधन देश और दुनिया के प्रमुख नेताओ और उद्योपतियों ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री Narendra Modi ने कहा कि “Ratan Tata एक दूरदर्शी उद्योगपति थे जिन्होंने न केवल उद्योग जगत को नई ऊचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि समाज की भलाई के लिए भी खुद को समर्पित किया। उनका निधन एक युग का अंत है, और उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।

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Tata Sons के चेयरमैन एक चंद्रशेखरन ने अपने बयान में कहा कि “रतन टाटा सिर्फ एक उद्योगपति नहीं थे, वे एक मार्गदर्शक, एक प्रेरणास्रोत और एक सच्चे मानव थे। उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी और टाटा समूह के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।

Gautam Adani जैसे अन्य प्रमुख उद्योगपतियों ने भी उनके निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि “रतन टाटा जैसे महान व्यक्तित्व कभी नहीं मरते, वे अपनी विरासत में हमेशा जीवित रहते है।

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