Ganesh Visarjan 2024: गणेश विसर्जन एक गहन धार्मिक क्रिया है। भगवान गणेश को “विघ्नहर्ता” और “संकटमोचक” के रूप में पूजा जाता है। विसर्जन के दिन, भक्त यह विश्वास रखते है कि भगवान गणेश उनके साथ रहकर सारे विघ्नो को दूर कर चुके है, और उनका स्वर्ग लौटना आवश्यक है।
Ganesh Visarjan 2024
गणेश विसर्जन का महत्व
विसर्जन का अर्थ है भगवान गणेश की मूर्ति को जल में प्रवाहित करना, जो इस बात का प्रतीक है कि भगवान गणेश अपने दिव्य लोक में वापस लौट रहे है।विसर्जन का यह कर्म एक अद्वितीय संदेश देता है- जीवन अस्थायी है, और हम सभी को अंततः प्रकृति में विलीन होना होता है।
यह प्रकृति और जीवन के बीच संतुलन का भी प्रतीक है। भगवान गणेश की मूर्ति को मिट्टी से बनाया जाता है, और फिर जल में विसर्जन के माध्यम से वही मिट्टी जल के साथ एकाकार हो जाती है। यह प्राचीन परंपरा हमें पर्यावरण और प्रकृति के प्रति जिम्मेदार होने की सीख भी देता है।
गणेश विसर्जन की तिथि और समय
Ganesh Visarjan गणेश चतुर्थी के 1.5 दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन, 9 दिन, या 10वे दिन किया जा सकता है सबसे बड़ा विसर्जन 10वें दिन होता है जिसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है। यह दिन भगवान गणेश की विदाई का प्रमुख दिन माना जाता है।
Ganesh Visarjan 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त
Date: 17 September 2024
शुभ मुहूर्त: सुबह 11:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक
Ganesh Visarjan 2024 के दौरान शुभ मुहूर्त का पालन करना धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस समय भागवान गणेश की विदाई के लिए सबसे अनुकूल समय होता है।
Ganesh Visarjan 2024
Ganesh Visarjan 2024 की पूजा विधि
विसर्जन की तैयारी
- भगवान गणेश की मूर्ति को साफ़ और पवित्र जल से स्नान कराए।
- गणपति को नए वस्त्र, पुष्प माला और आभूषणो से सजाए।
- गणेश जी के सामने धूप, दीप जलाएं और पवित्र वातावरण बनाए।
- गणपति को उनके प्रिय मोदक, लड्डू, नारियल और अन्य मिठाइयों का भोज लगाएं।
विसर्जन की प्रार्थना और मंत्र
- भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए विसर्जन के पहले एक विशेष पूजा और आरती का आयोजन किया जाता है।
- विसर्जन से पहले भक्तगण भगवान गणेश से प्रार्थना करते है: “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ।”
- यह मंत्र भगवान गणेश को अलग वर्ष पुनः लौटने की प्रार्थना है। इस प्रार्थना के साथ भक्त भगवान गणेश से आशीर्वाद मांगते है कि वे सभी विघ्नो और परेशानियों को दूर करे और जीवन में सुख-समृद्धि लाए।
विसर्जन की विधि
- आरती के बाद भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जन के लिए तैयार किया जाता। है विसर्जन करते समय भक्तो को भगवान गणेश की मूर्ति को प्रेमपूर्वक विदा करना चाहिए।
- भगवान गणेश की मूर्ति को शुद्ध जल या पास तालाब, नदी या समुद्र में विसर्जित किया जाता है
- विसर्जन के दौरान भक्त एक स्वर में “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” का जयकारा लगाते है।
पर्यावरण अनुकूल विसर्जन
- आजकल गणेश विसर्जन में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी है। पारंपरिक प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) से बानी मूर्तियों की जगह अब पर्यावरण अनुकूल मिट्टी से बनी मूर्तियों का प्रचलन बढ़ रहा है।
- कुछ लोग घर में ही छोटी टंकी या बाल्टी में मूर्ति का विसर्जन करते है और बाद में उस मिट्टी को अपने घर के बगीचे में डाल देते है। इससे जल प्रदूषण कम होता है और मूर्ति विसर्जन की परंपरा भी बनी रहती है।
Ganesh Visarjan 2024
गणेश विसर्जन से जुड़े विशेष नियम और आदर्श
श्रद्धा और विश्वास
विसर्जन के समय यह ध्यान रखना चाहिए कि भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा और विश्वास अडिग रहे। गणेश विसर्जन के दौरान मन में भगवान गणेश को याद करते हुए उन्हें धन्यवाद कहना चाहिए और उनसे आशीर्वाद मांगना चाहिए।
पर्यावरण की सुरक्षा
- गणेश विसर्जन करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। प्लास्टर ऑफ पेरिस और हानिकारक रासायनिक रंगो से बनी मूर्तियों का उपयोग न करे, क्योकि यह जलस्रोतों को प्रदूषित करते है।
- आजकल बायोडिग्रेडेबल मूर्तियों का चलन बढ़ रहा है, जो पर्यावरण के लिए बेहतर है।
भक्ति और समर्पण
विसर्जन के समय पूरी भक्ति और समर्पण के साथ भगवान गणेश को विदाई दे। यह भावना महत्वपूर्ण है कि भगवान गणेश ने इस दिनों में हमारे घर और दिल में स्थान लिया और अब वे वापस जा रहे है।
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