भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) कई महत्वपूर्ण मिशनों की तैयारी में जुटा हुआ है, जो भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को और बढ़ाने में मदद करेंगे। ISRO अपने नए EOS-08 Satellite की लॉन्चिंग के लिए तैयार है। इसकी लॉन्चिंग SSLV-D3 रॉकेट से की जाएगी।

ISRO EOS-08 Satellite

SSLV-D3/EOS-08 Satellite मिशन क्या है ?

ISRO ने अपने स्माल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSL-D3) के अंतिम परीक्षण उड़ान की तारीख 16 अगस्त 2024 तय की है। पहले इसे 15 अगस्त को लॉन्च किया जाना था, लेकिन अब इसे एक दिन बाद शिफ्ट किया गया है। इस मिशन के सफल होने के बाद SSLV को औघोगिक उपयोग के लिए भारतीय उद्योग और NewSpace India Ltd (NSIL) को सौंप दिया जाएगा। SSLV-D3 के जरिए EOS-08 Satellite को लॉन्च किया जाएगा, जो उच्च-रेसोलुशन की तस्वीरें खींचने, पर्यावरण निगरानी, और आपदा प्रबंधन जैसे कार्यो में मदद करेगा।

गगनयान मिशन की तैयारी

अगस्त में ISRO के गगनयान मिशन की तैयारियों में भी तेज़ी आई है। ISRO और NASA मिलकर भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग दे रहे है, जो 2024 के अंत तक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने की योजना बना रहा है, यह एक बड़ा कदम होगा, क्योकि यह पहली बार होगा जब भारत का कोई अंतरिक्ष यात्री, जिसे “गगनयात्री” कहा जाएगा, जो अंतरिक्ष में जायेगा। ये सभी गतिविधियां ISRO की बढ़ती महत्वाकांक्षाओ और क्षमताओं को दर्शाती है, जिससे भारत वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण खिलाडी के रूप में उभर रहा है।

गगनयान मिशन

यह मिशन 2025 में लॉन्च होने वाला है, जिसमे अंतरिक्ष यात्री तीन दिनों तक कक्षा में रहेंगे और मइक्रोग्रैविटी में विभिन्न प्रयोग करेंगे। इस मिशन के लिए आवश्यक रॉकेट और मॉड्यूल का निर्माण और परिक्षण पूरा हो चुका है।

अपकमिंग सैटेलाइट लॉन्चिंग

ISRO ने 2024 के लिए कम से कम 12 बड़े मिशनों की योजना बनाई है। इसने NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) मिशन शामिल है, जो पृथ्वी के अवलोकन के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगा। इसके अलावा, INSAT-3DS संचार उपग्रह, RISAT-1B और Resourcesat-3 जैसे उपग्रह भारत की दूरसंवेदी क्षमताओं को बढ़ाने में सहायक होंगे।

टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन

ISRO पुनः प्रयोज्य प्रक्षेप (Business Standard) जैसी नई तकनीकों पर काम कर रहा है, जो उपग्रहों और अन्य अंतरिक्ष मिशनो के लागत को कम करेगा। इसके अलावा, स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SPADEX) और अन्य तकनीकी अनुसंधान मिशन भी ISRO के अनुसंधान और नवाचार के प्रयासों को और मजबूत करेंगे।

ISRO EOS-08 Satellite

निजी क्षेत्र की भागीदारी

भारत सरकार द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियो के लिए खोलने के फैसले से ISRO के व्यावसायिक शाखा IN-Space के साथ 500 से अधिक स्टार्टअप और कंपनियों ने सहयोग किया है। इस कदम से भारत में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा मिल रहा है। अगस्त 2024 ISRO के लिए कई महत्वपूर्ण विकास और मिशनों का समय रहा है, जो वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाते है। ISRO 2024 को भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक महत्वपूर्ण वर्ष बनाने के लिए तैयार है।

Frequently Asked Questions

Que. What is ISRO SSLV-D3/EOS-08 Satellite mission?

Ans. The SSLV-D3/ EOS-08 Satellite mission is a crucial test flight for ISRO Small Satellite Launch Vehicle, scheduled for August 16, 2024 to deploy a satellite for Earth observation.

Que. When ISRO the next rocket launch?

Ans. ISRO next rocket launch is the SSLV-D3 mission, set for August 16, 2024.

Que. What is the significance of the SSLV-D3 mission?

Ans. The SSL-D3 mission will finalize the development of the Small Satellite Launch Vehicle, enabling its use for operational satellite launches by Indian Industry.

Que. What is the payload of the ISRO SSLV- D3 mission?

Ans. The SSLV-D3 mission will carry the EOS-08 Satellite, which is designed for highly-resolution Earth imaging and environmental monitoring.

Que. What is the Full Form of ISRO?

Ans. ISRO stands for Indian Space Research Organisation.

Que. What is the full form of NASA?

Ans. NASA stands for National Aeronautics and Space Administration.

Que. What is the full form of EOS satellite?

Ans. EOS stands for Earth Observation Satellite.

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