1 सितंबर, 2024 को भारत की राष्ट्रपति Droupadi Murmu ने Supreme Court के लिए नए ध्वज और प्रतीक चिह्न का अनावरण किया। यह महत्वपूर्ण समारोह नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया गया, जो सुप्रीम कोर्ट की 75वीं वर्षगांठ का हिस्सा था। इस अवसर पर देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़, केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश सूर्य कांत भी मौजूद थे।
Supreme Court: Droupadi Murmu with New Flag
नया ध्वज: न्याय और संस्कृति का प्रतीक
सुप्रीम कोर्ट के नए ध्वज में भारत की सांस्कृतिक और कानूनी धरोहर को बखूबी दर्शाया गया है। इस ध्वज का रंज नीला है और इसमें अशोक चक्र, सुप्रीम कोर्ट की इमारत और भारतीय संविधान का चित्रण किया गया है। ध्वज पर देवनागिरी लिपि में संस्कृत का एक वाक्य लिखा गया है। “यतो धर्मस्ततो जय:”, जिसका अर्थ है “जहां धर्म है, वहां विजय है “। यह ध्वज न्याय और धर्म की सर्वोच्चता को व्यक्त करता है, जिसे सुप्रीम कोर्ट हमेशा से कायम रखता आया है।
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प्रतीक चिह्न और ध्वज का महत्व
Supreme Court का नया प्रतीक चिह्न राष्ट्रीय फैशन प्रौघोगिकी संस्थान (NIFT) दिल्ली द्वारा डिज़ाइन किया गया है। इस ध्वज और प्रतीक चिह्न को विभिन्न रूपों में उपलब्ध कराया जाएगा, जैसे टेबल पर लगाने के लिए छोटे ध्वज, पोल ध्वज, और फ्रेम किये गए ध्वज, ताकि इसे अलग-अलग स्थानों पर रखा जा सके। यह प्रतीक चिह्न न्यायपालिका की गरिमा और भारतीय न्याय प्रणाली की शक्ति का प्रतीक है।
राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश
इस ऐतिहासिक अवसर पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने Supreme Court के न्यायधीशो की सराहना की और न्याय प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा की Supreme Court ने पिछले 75 वर्षो में न्याय के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और लोगो का विश्वास बनाए रखा है। राष्ट्रपति मुर्मू ने लंबित मामलो को निपटने के लिए नै रणनीतियों की आवश्यकता बताई और विशेष लोक अदालत सप्ताह जैसे पहल करने की बात कही, जिससे मामलो का जल्द निपटारा हो सके।
न्याय प्रणाली में सुधार में सुझाव
राष्ट्रपति ने न्याय प्रणाली को अधिक सुलभ बनाने के लिए स्थानीय स्तर ओर न्यायलयों की स्थापना का सुझाव दिया। उन्होंने कहा की जैसे पंचायत और नगर पालिकाओं को संविधान में अधिकार दिए गए है, वैसे ही स्थानीय न्यायलय भी स्थापित किये जा सकते है, जो स्थानीय भाषा और परिस्थितियों के अनुसार न्याय प्रदान कर सके। इसमें आम जनता के लिए न्याय की प्रक्रिया और आसान हो जाएगी।
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पर्यावरण के प्रति सम्मान
Supreme Court की 75वीं वर्षगांठ के उपलब्ध में एक विशेष पहल के रूप में, दिल्ली के सेंट्रल रिज रिज़र्व फारेस्ट क्षेत्र से 12 अलग-अलग देशी पेड़ो की 75 पौधों का रोपण किया गया। यह पौधे राष्ट्रपति मुर्मू को समर्पित किये गए और यह प्रकृति के प्रति सम्मान और न्याय प्रणाली की पवित्रता का प्रतीक बने।
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